हनुमत जयंती 2020: अमेरिका से पंडित जसराज ने संकटमोचन में पेश की स्वरांजलि
हनुमत जयंती के अवसर पर बुधवार को पंडित जसराज ने अमेरिका से ही हनुमान लला के चरणों में स्वरांजलि समर्पित की। उन्होंने हनुमान जी को कई भजन भेंट किये। सबसे पहले राग हंसध्वनि में पवन पुत्र हनुमान लला तुम.. से शुरुआत की। इसके बाद राग ललित में बाल समय रवि भक्ष लियो तब तिनहू लोक भयो अँधियारो गाया। एक के बाद एक कई भजनों के बाद राग भैरवी से समापन किया।
इससे पहले उनकी बेटी दुर्गा जसराज ने मंदिर के फेसबुक पेज से अपने पिता को जोड़ा। पंडित जसराज ने लाइव होते ही सभी को हनुमत जयंती की बधाई दी। हनुमान लला से विश्व में छाए संकट को दूर करने की कामना की। विश्व प्रसिद्ध संकटमोचन संगीत समारोह में भी पंडित जसराज इसी तरह प्रस्तुति देंगे। इस बार 12 से 17 अप्रैल तक छह दिवसीय आयोजन की भी डिजिटल प्रस्तुति होगी।
इससे पहले संकटमोचन मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में हनुमान जयंती सादगी पूर्वक मनाई गई। लॉकडाउन के चलते आम श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए नहीं पहुंच सके। हर वर्ष चितईपुर से संकमोचन मंदिर तक निकलने वाली हनुमत ध्वजा यात्रा भी इस बार स्थगित रही। संकटमोचन मंदिर में महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र की मौजूदगी में सुबह छह बजे से आठ बजे तक विशेष पूजन-अर्चन हुआ। बैठकी की झांकी भी सजी। प्रातः सात बजे रामायण पोथी के पूजन के बाद श्रीरामचरित मानस का एकाह पाठ एवं रामार्चा पूजन आदि अनुष्ठान हुए। लॉकडाउन के कारण मंदिर में बाहर का कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं कर पाया। मंदिर के आसपास रहने वाले कुछ भक्त सुबह मुख्य द्वार पर पहुंचे थे जिन्हें अनुरोध पूर्वक वापस लौटा दिया गया।
संकटमोचन मंदिर के स्थापना काल से लेकर अब तक के इतिहास में यह पहला मौका है जब हनुमान जयंती के दिन मंदिर में भक्तों का हुजूम नहीं पहुंच सका। सामान्य स्थिति में हनुमान जयंती के दिन भगवान की बैठकी झांकी के दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ मंदिर खुलने से पहले ही लग जाया करती थी। पताका शोभा यात्राएं भी स्थगित रहीं। मंदिर परिवार के सदस्यों ने प्रतीक स्वरूप हनुमान जी को ध्वजा का अर्पण किया। नगवां स्थित बड़े हनुमान मंदिर, दुर्गाकुंड स्थित शांति हनुमान मंदिर में भी अर्चकों ने श्रृंगार और पूजन किया।